मासिक मूल्यांकन 2022 माह अगस्त
कक्षा 12वीं
विषय रसायन शास्त्र
पूर्णांक – 25
निर्देश 1. सभी प्रश्न अनिवार्य है।
2. आवश्यकतानुसार चित्रो का समावेश करे।
3.प्रश्न क्रमांक 1 से 3 अतिलघुउत्तरीय प्रश्न है प्रत्येक पर 1 अंक आवंटित है।
4. प्रश्न क्रमाक 4 से 7 लघुउत्तरीय प्रश्न है प्रत्येक पर 2 अंक आवंटित है।
5. प्रश्न क्रमाक 8 से 10 अतिलघुउत्तरीय प्रश्न है प्रत्येक पर 3 अंक आबंटित है।
6. प्रश्न क्रमाक 11 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न है प्रत्येक पर 5 अंक आबंटित है।
प्रश्न 1. आइसक्रीम के निर्माण में जिलेटिन का उपयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर- आइसक्रीम जल में तेल या दूध का पायस है। यहाँ जिलेटिन को पायसीकारक के रूप में आइसक्रीम में मिलाते हैं अर्थात् यह स्थायी पायस बनाने में सहायता करती है।
प्रश्न 2. अधिशोषण किसे कहते हैं?
उत्तर – अधिशोषण – जब गैस या द्रव के अणु किसी वृहत् क्षेत्रफल वाले ठोस के सम्पर्क में आते हैं, तो गैस या द्रव के अणुओं की ठोस की सतह पर सान्द्रता बढ़ जाती है। इस घटना को अधिशोषण कहते हैं।
प्रश्न 3. एरोसॉल क्या है?
उत्तर – ऐरोसॉल-वे कोलॉइड जिनमें द्रव गैसीय अवस्था में परिक्षिप्त रहता है। उदाहरण- कोहरा ।
प्रश्न 4. टिण्डल प्रभाव को स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर- टिण्डल प्रभाव- वायुमंडल में उपस्थित धूल के कण तथा समुद्र का जल कोलॉइडी विलयन की भाँति व्यवहार करते हैं। इन कोलॉइडी कणों द्वारा दृश्य प्रकाश का बिखेर दिये जाने के कारण प्रकाश के मार्ग में एक प्रदीप्त शंकु (टिण्डल शंकु) प्राप्त होता है, जो नीले रंग का दिखाई देता है। यह प्रदीप्त शंकु प्रकाश के प्रकीर्णन से उत्पन्न होता है, प्रकाश के प्रकीर्णन की इस घटना को टिण्डल प्रभाव कहते हैं।
प्रश्न 5. झाग प्लवन विधि का नामांकित चित्र बनाइए ।
उत्तर – यह विधि अयस्क तथा आधात्री (gangue) की किसी द्रव से भीगने की प्रवृत्ति पर निर्भर करती है। इस विधि में बारीक पिसे हुए अयस्क को जल तथा तेल के मिश्रण में डालकर वायु प्रवाहित की जाती है। अशुद्ध अयस्क तेल के साथ झाग (फेन) बनाकर ऊपर तैरने लगता है और अपद्रव्य नीचे बैठ जाते हैं। इस विधि में चीड़ का तेल (pine oil) या क्रीओसेंट तेल (creosate oil) काम में लाया जाता है। सल्फाइड अयस्कों का सान्द्रण इसी विधि से किया जाता है।
प्रश्न 6. हार्डी शुल्जे नियम क्या है? समझाइए ।
उत्तर – विभिन्न आयनों की स्कन्दन क्षमता हार्डी-शूल्वे नियम द्वारा प्रतिपादित की गई है, जिसके अनुसार, “किसी आयन की स्कन्दन शक्ति उसकी संयोजकता पर निर्भर है, जितनी अधिक संयोजकता होगी उतनी ही अधिक स्कन्दन शक्ति होती है।”
उदाहरण – As₂S₃, कोलॉइडी विलयन का स्कन्दन करने के लिए विभिन्न आयन जैसे – Al³⁺, Ba²⁺, Na⁺ लें, तो Al³⁺ आयन की सबसे कम मात्रा मिलानी पड़ेगी और Na⁺ आयन की सबसे अधिक मात्रा मिलानी पड़ेगी। तीनों आयनों में स्कन्दन शक्ति को निम्नलिखित क्रम में लिखा जा सकता है
Al³⁺> Ba²⁺ > Na⁺
इसी प्रकार कुछ ऋणायनों की स्कन्दन शक्ति का क्रम
PO₄³ ⁻ >SO₄²⁻ > Cl⁻ है।
प्रश्न 7. धातु शोधन की मंडल परिष्करण विधि को चित्र सहित समझाइए ।
उत्तर – मण्डल परिष्करण (Zone refining) – विशिष्ट उपयोगों हेतु शुद्धतम धातु प्राप्त करने के लिए इस विधि का उपयोग किया जाता है, इसे जोन शोधन या प्रभाजी क्रिस्टलीकरण विधि भी कहते हैं। इस विधि द्वारा अर्द्धचालक के रूप में उपयोग करने के लिए Ge, Si, B तथा Ga आदि को प्राप्त किया जाता है। यह विधि धातु में उपस्थित अशुद्धियों की गलित तथा ठोस अवस्था में विलेयता में अन्तर पर आधारित है। इसमें एक गतिशील ऊष्मक (heater) को अशुद्ध धातु की छड़ के चारों ओर व्यवस्थित किया जाता है। हीटर धीरे-धीरे धातु की छड़ की लम्बाई में गति करता है। धातु गर्म होने वाले बिन्दु पर पिघलती है, जैसे-जैसे हीटर आगे बढ़ता है, शुद्ध धातु क्रिस्टलीकृत हो जाती है तथा अशुद्धियाँ पिघले क्षेत्र में चली जाती हैं। यह प्रक्रिया तब तक दोहरायी जाती है, जब तक पूरी अशुद्धियाँ सिरे पर नहीं आ जाती, जिसे बाद में अलग कर लिया जाता है।
प्रश्न 8. द्रवस्नेही व द्रवविरोधी कोलाइड में तीन अंतर लिखिए ।
प्रश्न 9. 1. एलुमिनियम के दो अयस्क के नाम लिखिए ।
उत्तर- 1- बॉक्साइट 2- क्रायो लाइट ।
2. एलुमिनियम के धातुओं में क्रायोलाइट की क्या भूमिका है।
उत्तर – एल्युमिनियम के धातुकर्म में क्रायोलाइट की भूमिका इस प्रकार है:
क्रायोलाइट का आणविक सूत्र Na₃AlF₆
क्रायोलाइट की मूल रूप से दो भूमिकाएँ हैं जो इस प्रकार हैं:
1. क्रायोलाइट, मिश्रण के संगलन ताप को कम करता है
2. ऐलुमिना की वैद्युत चालकता को बढ़ाता है जो कि वास्तव में विद्युत का अच्छा चालक नहीं होता है।
प्रश्न 10. शून्य कोटि की अभिक्रिया के लिए दर स्थिरांक ज्ञात करने का व्यंजक व्युत्पन्न कीजिए ।