कक्षा 11 हिंदी मासिक आकलन अगस्त 2022
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मासिक असाईनमेंट
( आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा)
विषय – हिन्दी
कक्षा 11वीं / माह अगस्त
प्रश्न 1 निम्नांकित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए प्रश्नों को हल कीजिए ?
“आखिर हमारे पड़ोस के घर में रहने वाला लड़का सुबीर बनर्जी ही पथरे पंचाली मैं अपू बना फिल्म का काम आगे भी ढाई साल चलने वाला है इस बात का अंदाजा मुझे पहले नहीं था इसलिए जैसे जैसे दिन बीतने लगे वैसे वैसे मुझे डर लगने लगा अपू और दुर्गा की भूमिका निभाने वाले बच्चे अगर ज्यादा बड़े हो गए तो फिल्म में वह दिखाई नहीं देगा लेकिन मेरी खुशकिस्मती से उस उम्र में बच्चे जितने बढ़ते हैं उतने अपू और दुर्गा की भूमिका निभाने वाले बच्चे नहीं बड़े इंदिरा ठाकरून की भूमिका निभाने वाली अस्सी साल उम्र की चुन्नी वाला देवी ढाई साल तक काम कर सके यह भी मेरे सौभाग्य की बात थी ।
1. अपू की भूमिका के लिए लड़का कहां मिला? उसका नाम बताइए?
उत्तर – अपू की भूमिका के लिए फिल्मकार को जैसे लड़की की तलाश थी वैसे ही उन्हें पड़ोस में मिला उसका नाम सुबीर बनर्जी था।
2. फिल्मकार को क्या डर लग रहा था और क्यों?
उत्तर – जैसे जैसे दिन बीत रहे थे फिल्म की शूटिंग की गति उस अनुपात में अत्यंत धीमी थीं। फिल्मकार को डर था कि फिल्म की मांग के विपरीत बच्चे बड़े ना हो जावे ।
3. फिल्मकार के लिए सौभाग्य की बात क्या थी?
उत्तर – फिल्मकार के लिए सौभाग्य की बात थी कि इंदिरा ठाकरून की भूमिका निभाने वाली 80 साल की चुन्नी बाला देवी ढाई साल काम करने की स्थिति में रही और अपनी भूमिका का बखूबी निर्वाह किया ।
4. अपू के साथ ढाई साल संस्मरण के लेखक कौन है?
उत्तर – अपू के साथ ढाई साल संस्मरण के लेखक श्री सत्यजीत राय जी है।
प्रश्न 2. निम्नांकित काव्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए
“निर्भय दृढ़ गंभीर भाव से गरज रहा सागर है।
लहरों पर लहरों का आना सुंदर अति सुंदर है।
कहो यहां से बढ़कर सुख क्या पा सकता है प्राणी ।
अनुभव करो हृदय से हे अनुराग भरी कल्याणी ।“
1. काव्यांश का भाव स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर – प्रस्तुत काव्यांश में कवि ने सागर की गर्जना, निडरता, गंभीरता एवं लहरों का एक के बाद एक आना अत्यंत मनोहरता को चित्रित किया है कि प्रकृति के अप्रतिम सौंदर्य से बढ़कर सुख और कहीं नहीं है प्राकृतिक सौंदर्य का कोई मुकाबला नहीं है इस शोभा के आनंद का अनुभव हृदय से करना चाहिए।
काव्यांश में प्रकृति सौंदर्य प्रेम में प्रिया प्रेम से बढ़कर मनोहरता है।
2. काव्यांश का काव्य का सौंदर्य लिखिए ।
उत्तर – काव्य में प्रकृतिक सौंदर्य का चित्रण है अलंकारिक शैली मानवीकरण उत्प्रेक्षा अनुप्रास की सुंदर छटा मनोहरनी है संस्कृत निष्ठा प्रवाहमयी खड़ी बोली का प्रयोग मुक्त छंद में माधुर्य गुण के साथ है।
प्रश्न 3. गरु भूमि के रेत की क्या विशेषता है समझाइए ?
उत्तर – गरु भूमि की रेत अत्यंत बारिक होती है जिसके कारण परस्पर चिपकती नहीं है रेत के कणों को वर्षा बंद होने और तेज धूप निकलने पर भी अलग-अलग रहने के कारण भूमि की नमी को वाष्प बनकर बाहर निकलने के लिए जगह नहीं मिलती है। अंदर की नमी अंदर ही रहती है यही नेमी खड़ियां –पत्थर पट्टी को भी पार ना कर पाने के कारण कुईयों में मीठे पानी के रूप में एकत्र होती है।
कुंई की खुदाई फावड़े से नहीं किया जा सकता? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – कुंई का व्यास कुएं से अत्यधिक कम होता है नीचे तल में केवल दो ढाई हाथ ही रह जाता है। फावड़े का हत्था दो ढाई फीट से अधिक होता है इसका प्रयोग कम व्यास की कुंई खुदाई में संभव नहीं है कुंई की खुदाई का कार्य एक समय में एक ही व्यक्ति द्वारा वह भी उकड़ू बैठकर किया जाता है जबकि फावड़े का उपयोग खड़े होकर ही किया जा सकता है यही कारण है कि कुई की खुदाई फावड़े से नहीं की जाती है।
प्रश्न 4. शूटिंग के लिए सत्यजीत राय को कौन सा गांव अच्छा लगा और क्यों ?
उत्तर – शुटिंग के लिए रायजी को बोडाल गाँव अच्छा लगा क्योंकि वहाँ अपू-दुर्गा का घर, अपू का स्कूल, गाँव का मैदान, खेत पुकुर, आम का पेड़, बांस का झुरमूट आदि सब आस-पास मिल गया। वहाँ के लोगों से धीरे-धीरे परिचय बढ़ी और वे आवश्यकतानुसार सहयता भी करने लगे।
प्रश्न 5. फिल्म निर्माण किसी तपस्या से कम नहीं है स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर – पथेर पांचाली फिल्म के संदर्भ में बारिश के इंतजार कई कई दिनों तक करना पड़ा। जहाँ वे देहात में जाकर दलबल सहित बैठे रहते। गांव के कुत्ते जो अप्रशिक्षित थे। उनसे युक्तिपूर्वक कार्य लेना पड़ा, मृत पात्रों के विकल्प ढूंढने पड़े। पागल व्यक्ति को सहन करना पड़ा। खास फूल के लिए एक वर्ष इंतजार करना पड़ा आदि ये सिद्ध करता है कि तपस्या की तरह ही फिल्म निर्माण में भी तपना पड़ता है।
प्रश्न 6. पथिक का मन दुनिया से विरक्त क्यों होता है?
उत्तर – दुनिया के लोगों को अनेकानेक कष्ट एवं दुखों से घिरे देखकर तथा लोगों में सुख-शांति का सर्वथा अभाव देखकर पथिक का मन दुनिया से विरक्त होता है।
प्रश्न 7. आत्म प्रलय का क्या तात्पर्य है?
उत्तर – आत्म प्रलय का तात्पर्य आत्मा का तरल होकर फूट पड़ना या भावना के दबाव में व्यक्त हो उठना है। अश्रुधारा का बहना, प्रकृति में प्रेम-क्रीड़ा होते हुये देखना जिससे आनंदातिरेक में अश्रुधारा फूट पड़ती है।